गाय के दूध में मौजूद बीटा कैरोटीन, एक कैरोटीनॉयड होता है, जो घी में मिल जाता है. बीटा कैरोटीन एक प्रो-विटामिन ए है. घी में ल्यूटिन नाम का कैरोटीनॉयड भी होता है, जो आंखों के लिए फ़ायदेमंद होता है.घी में मौजूद कैरोटीनॉयड और विटामिन ए के साथ-साथ लिनोलिक एसिड और ब्यूटिरिक एसिड की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता, कैंसर विरोधी पदार्थ के रूप में काम करती है. घी में विटामिन ए की वजह से यह आंखों के लिए फ़ायदेमंद होता है.
Graminghee.com का शुद्ध देशी गाय का घी पारंपरिक वैदिक काल से चली आ रही पद्धति दूध से दही बनाकर उसमें से मक्खन निकालकर फिर मक्खन से घी बनाया जाता है।
गाय का दूध ही क्यों ?
गाय का दूध पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता हैं,
गाय का दूध अधिक पानी की मात्रा और कम वसा की मात्रा वाला होता है। इसमें अधिक केसीन और व्हे प्रोटीन होते हैं, जो इसे अधिक पाचनीय और स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं।
A 2 COW घी A1 से ज्यादा स्वास्थ्य वर्धक क्यों होता हैं ?
A2 काउ घी और A1 घी में मुख्य अंतर यह है कि A2 काउ घी में A2 प्रोटीन होता है, जबकि A1 काउ घी में A1 प्रोटीन होता है।
A2 प्रोटीन एक प्रकार का केसीन प्रोटीन है जो देसी गायों के दूध में पाया जाता है। यह प्रोटीन अधिक पाचनीय और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, क्योंकि इसमें अधिक न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
A1 प्रोटीन एक प्रकार का केसीन प्रोटीन है जो विदेशी गायों के दूध में पाया जाता है। यह प्रोटीन कम पाचनीय और कम स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, क्योंकि इसमें कम न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
हमारी राठी गाय की विशेषता।
राठी गाय एक प्राचीन और पारंपरिक गाय की नस्ल है, जो भारत के राजस्थान राज्य के गंगानगर हनुमानगढ़ बीकानेर नागौर आदि जिलों में बहुतायत पाई जाती है। यह गाय अपनी विशेषताओं और गुणों के लिए जानी जाती है, जिनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:
1. दूध उत्पादन: राठी गायें दूध उत्पादन में बहुत अच्छी होती हैं, और उनका दूध बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है।
2. मिल्क फैट: राठी गायों के दूध में milk फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो इसे बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाती है।
3. प्रतिरोधक क्षमता: राठी गायें बहुत ही प्रतिरोधक क्षमता वाली होती हैं, और वे कई प्रकार के रोगों और बीमारियों से लड़ने में सक्षम होती हैं।
4. जलवायु अनुकूलन: राठी गायें बहुत ही जलवायु अनुकूलन वाली होती हैं, और वे गर्म और शुष्क जलवायु में भी बहुत अच्छी तरह से रहती हैं।
5. विश्वसनीयता: राठी गायें बहुत ही विश्वसनीय होती हैं, और वे अपने मालिकों के लिए बहुत ही वफादार और सहायक होती हैं।
6. पारंपरिक मूल्य: राठी गायें पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और वे भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
7. आयुर्वेदिक गुण: राठी गायों के दूध में आयुर्वेदिक गुण होते हैं, जो इसे बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक बनाते हैं।
इन विशेषताओं के कारण, राठी गायें बहुत ही मूल्यवान और महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, और वे भारतीय कृषि और पशुपालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
A2COW दूध से घी बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
दूध का चयन
– A2COW दूध का चयन किया जाता है, जो देसी गायों से प्राप्त किया जाता है।
– दूध की गुणवत्ता की जांच की जाती है और इसे साफ और स्वच्छ बनाया जाता है।
दूध को उबालना
– दूध को एक बड़े बर्तन में उबाला जाता है।
– दूध को मध्यम आंच पर उबाला जाता है जब तक कि यह अच्छी तरह से उबल न जाए।
दूध को ठंडा करना
– उबले हुए दूध को ठंडा करने के लिए एक बड़े बर्तन में रखा जाता है।
– दूध को कमरे के तापमान पर ठंडा करने की अनुमति दी जाती है।
दही बनाना
– ठंडे दूध में एक चम्मच दही मिलाया जाता है।
– दही को अच्छी तरह से मिलाया जाता है और इसे एक गर्म स्थान पर रखा जाता है जहां यह जम जाए।
मक्खन निकालना
– जमे हुए दही को एक बड़े बर्तन में रखा जाता है।
– दही को एक मिक्सर या मथनी का उपयोग करके मथा जाता है जब तक कि मक्खन अलग न हो जाए।
घी बनाना
– मक्खन को एक बड़े बर्तन में रखा जाता है।
– मक्खन को मध्यम आंच पर गर्म किया जाता है जब तक कि यह पूरी तरह से पिघल न जाए।
– गर्म मक्खन को एक छलनी या कपड़े से छाना जाता है ताकि घी अलग हो जाए।
घी को ठंडा करना
– घी को एक बड़े बर्तन में रखा जाता है।
– घी को कमरे के तापमान पर ठंडा करने की अनुमति दी जाती है।
घी को स्टोर करना
– ठंडे घी को एक एयरटाइट कंटेनर में रखा जाता है।
– घी को एक ठंडे और सूखे स्थान पर स्टोर किया जाता है जहां यह खराब न हो।
A2COW घी का महत्व वेदों और भारतीय ग्रंथों में बहुत अधिक है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
वेदों में घी का महत्व
1. ऋग्वेद: ऋग्वेद में घी को “अमृत” कहा गया है, जिसका अर्थ है “जीवन देने वाला”।
2. यजुर्वेद: यजुर्वेद में घी को “सोम” कहा गया है, जो एक पवित्र पेय है।
3. अथर्ववेद: अथर्ववेद में घी को “आयुर्वेद” कहा गया है, जो जीवन को बढ़ाने वाला होता है।
भारतीय ग्रंथों में घी का महत्व
1. चरक संहिता: चरक संहिता में घी को “त्रिदोष” को संतुलित करने वाला कहा गया है।
2. सुश्रुत संहिता: सुश्रुत संहिता में घी को “पाचन” को बढ़ाने वाला कहा गया है।
3. महाभारत: महाभारत में घी को “पवित्र” और “स्वास्थ्यवर्धक” कहा गया है।
घी का सेवन क्यों और कितना करना चाहिए
1. पाचन: घी पाचन को बढ़ाता है और पेट को स्वस्थ रखता है।
2. स्वास्थ्य: घी में विटामिन ए, डी, ई, और के होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
3. ऊर्जा: घी शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और थकान को दूर करता है।
घी का सेवन करने के लिए कुछ सुझाव:
– घी का सेवन करने से पहले इसे गर्म करें।
– घी का सेवन करने के लिए इसे चावल, रोटी, या सब्जियों के साथ मिलाएं।
– घी का सेवन करने के लिए इसे दूध, दही, या लस्सी के साथ मिलाएं।
– घी का सेवन करने के लिए इसे अपने आहार में शामिल करें, लेकिन अधिक मात्रा में नहीं।
हमारा गाय घी: शुद्धता और गुणवत्ता का प्रतीक
हमारी कंपनी में हम अपने ग्राहकों को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला A2 काउ घी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा घी बिल्कुल शुद्ध और बिना मिलावट के बनाया जाता है, जिससे आपको स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में उत्कृष्टता मिलती है।
हमारी विशेषताएं:
– हमारा घी A2 देसी गायों से प्राप्त किया जाता है, जो उच्च गुणवत्ता वाले दूध के लिए जानी जाती हैं।
– हमारा घी पारंपरिक विधियों से बनाया जाता है, जो इसकी शुद्धता और गुणवत्ता को बनाए रखता है।
– हमारा घी बिल्कुल शुद्ध और बिना मिलावट के बनाया जाता है, जिससे आपको स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में उत्कृष्टता मिलती है।
हमारी गारंटी:
हम अपने गाय घी की शुद्धता और गुणवत्ता के लिए पूरी तरह से गारंटी देते हैं। अगर आपको हमारे घी में मिलावट पाई जाती है, तो हम आपको एक लाख रुपये का पुरस्कार देंगे।
हमारा गाय घी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। हमारा घी आपको ऊर्जा प्रदान करता है, आपके पाचन को बेहतर बनाता है, और आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
तो अगर आप शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला A2 काउ घी चाहते हैं, तो हमारा चयन करें। हम आपको सबसे अच्छा गाय घी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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